विटामिन सी जीवन सत्व है। आज हम आपको 5+ विटामिन सी वाली सब्जियों के नाम बताएंगे। वैसे तो हमारे शरीर में विटामिन की बहुत कम मात्रा की आवश्यकता होती है। किंतु इनकी कमी से शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इसलिए नियमित रूप से विटामिन का सेवन करते रहना चाहिए। विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह प्रतिदिन ग्रहण किया जाना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को 80 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता प्रतिदिन होती है। विटामिन सी की कमी से एनीमिया, स्कर्वी रोग आदि होते हैं। जिसके कारण शरीर में थकान, कमजोरी उत्पन्न हो जाती है। दांतों में ढीलापन आने लगता है। नाखून कमजोर होने लगते हैं। विटामिन सी की कमी से बुढापा जल्दी आता है।
जोड़ों में दर्द और बाल झड़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। आंखों की रोशनी कम होने लगती है। विटामिन सी कच्चे फल और हरी सब्जियों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसीलिए अपने आहार में कच्चे फल और हरी सब्जियों को नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। आज हम आपको ऐसी सब्जियों के नाम बताएंगे, जिनमें विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है । जिनके नियमित सेवन से हम प्रतिदिन के विटामिन सी की मात्रा की पूर्ति कर सकते हैं। आइए जानते हैं विटामिन सी वाली सब्जियों के नाम और उनके फायदे।
विटामिन सी वाली सब्जियों के नाम और उनके फायदे!
नींबू
विटामिन सी का सबसे बड़ा स्रोत नींबू है। इसके सेवन से शरीर में उत्पन्न सभी विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। यह थकान को दूर करता है तथा तुरंत एनर्जी प्रदान करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है । नींबू का रस, नींबू का शरबत या शिकंजी तत्काल राहत पहुंचाने वाला होता है। इसे सब्जी, दाल, सलाद या अन्य भोज्य पदार्थों में डालकर सेवन किया जाता है। इसे गर्म करके नहीं खाना चाहिए । अपितु इसका रस ठंडा ही उपयोग किया जाना चाहिए।
नींबू का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन में भी किया जाता है। बालों की ग्रोथ के लिए विभिन्न प्रकार के तेल भी इसके रस से तैयार किए जाते हैं। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर करके चयापचय क्रिया को दुरुस्त करता है। दुबले होने में मदद करता है । शरीर से अतिरिक्त चर्बी को भी बाहर निकाल देता है।
हरी मिर्च
भोजन की थाली की शान बढ़ाने वाली हरी मिर्च भी विटामिन सी के स्रोत है। इसे भी पका कर खाने की अपेक्षा कच्चा ही खाना चाहिए। प्रतिदिन एक हरी मिर्च का सेवन अवश्य करें । इससे शरीर में विटामिन सी की संतुलित मात्रा पहुंचती रहती है। यह पाचन तंत्र को सुदृढ़ करती है तथा अतिरिक्त फैट को बाहर करती है।
सलाद के रूप में तथा नींबू के साथ अचार बनाकर इसका सेवन करना चाहिए। इसे पकाने या फ्राई करने से इस के समस्त पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। फिर यह केवल स्वाद की वस्तु रह जाती है। इसीलिए जहां तक हो सके कच्ची हरी मिर्च खानी चाहिए।
आंवला
आंवला औषधि युक्त फल है जिसे दवाई बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। आंवले का अचार, मुरब्बा भी बनाया जाता है। यह विटामिन सी का सबसे बड़ा स्रोत है । इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है । ऐसा माना जाता है कि 20 संतरे के रस के बराबर विटामिन सी केवल एक आंवले में पाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व बुढ़ापा को रोकने में सक्षम होते हैं। प्रतिदिन एक आंवला खाने से वृद्धावस्था को काफी दूर किया जा सकता है।
इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पाचन तंत्र सही रहता है तथा चेहरे में, शरीर में झुर्रियां नहीं आती । आंवला एक अमृत फल है, जो सर्दियों में पाया जाता है। इसे सुखाकर, अचार या मुरब्बा बना कर भी सुरक्षित किया जा सकता है। ताकि सालभर इसका उपयोग किया जा सके। आंवला सेहत के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। प्रतिदिन एक आंवला खाने यह इंफेक्शन से भी बचाता है। सामान्यतः सभी रोगों से बचाव करने में मदद करता है।
टमाटर
शायद ही कोई सब्जी ऐसी होगी जो बिना टमाटर की बनाई जा सके। टमाटर सभी को पसंद होता है। इसका सूप, जूस, चटनी, सब्जी आदि बनाकर सेवन किया जाता है। कुछ लोग इसे काट कर सुखाकर भी रखते हैं। टमाटर विटामिन सी का बहुत ही अच्छा स्रोत है। इसे कच्चा भी खाया जाता है। टमाटर का रस का उपयोग चेहरे में करने से चेहरे की कांति बढ़ती है। तथा कील व मुहांसों को दूर करता है।
टमाटर में पाए जाने वाला विटामिन सी पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है । यह भूख को बढ़ाता है। टमाटर का सूप या जूस तत्काल एनर्जी प्रदान करता है। तथा शरीर से थकान को मिटा देता है। खून की कमी को भी दूर करता है। यह बाल झड़ने की समस्या, नाखून कमजोर होना, दांत ढीले होना आदि समस्याओं से भी मुक्ति दिलाता है। टमाटर के प्रतिदिन सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। तथा वजन बढ़ने की समस्या भी दूर होती है।
पालक
सर्दियों में होने वाली सब्जी पालक हरी पत्तेदार सब्जियों में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जी है। यह अत्यंत पौष्टिक और गुणों से भरपूर होती है। इसमें न केवल विटामिन सी बल्कि आयरन भी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। पालक के नियमित सेवन से एनीमिया दूर किया जा सकता है। यह चयापचय क्रिया को दुरुस्त करती है।
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर थकान दूर करती है। महिलाओं के लिए पालक वरदान है। यह शरीर को मजबूती और निखार प्रदान करती है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है। बाल सुंदर चमकदार काले और घने हो जाते हैं। इसका जूस, सूप, सब्जी या सलाद के रूप में नियमित रूप से अवश्य सेवन करना चाहिए । सर्दियों की पालक बहुत ही पौष्टिक होती है।
ब्रोकली
वैसे तो ब्रोकली एक विदेशी सब्जी है जो उत्तरी अमेरिका में बहुत लोकप्रिय है। किंतु उसके स्वाद के कारण यह लगभग विश्व के अन्य हिस्सों में भी पसंद की जा रही है। ब्रोकली फूलगोभी की तरह है। यह गहरे हरे रंग की होती है। गहरा हरा रंग इसमें बीटा कैरोटीन के कारण ही होता है। जो शरीर में जाने के बाद विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है।
ब्रोकली में विटामिन सी बहुत मात्रा में पाया जाता है। अतः स्वास्थ्य की दृष्टि से विटामिन सी की पूर्ति के लिए ब्रोकली का उपयोग किया जाता है। इसे विभिन्न तरह से सब्जी, पराठे का भरावन, पूरी, प्यूरी आदि बनाकर खाया जाता है। ब्रोकली हमेशा गहरे हरे रंग की ही खरीदनी चाहिए।
लाल मिर्च
लाल मिर्च का नाम सुनते ही जीभ में लार सी बनने लगती है। लाल मिर्च की यही एक विशेषता है जो इसे भोजन में आवश्यक स्थान दिलाती है। लालमिर्च तीखी होने के कारण लार बनाती है, यह लार भोजन को पचाने में मदद करती है। जिससे पाचन संस्थान सही रहता है। यह वात और कफ को नष्ट करती है तथा पित्त को बढ़ाने वाली होती है।
लाल मिर्च को सुखा कर मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। यह विटामिन सी का स्रोत होती है तथा दुबले होने में भी मदद करती है। किंतु तीखी होने के कारण पित्त को बढ़ाने वाली होती है। अतः इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। भोजन का स्वाद बढ़ाने वाली लाल मिर्च अत्यंत गुणकारी और विटामिन सी से भरपूर होती है।
लालपत्तागोभी
लालपत्तागोभी विटामिन सी का खजाना है। इसमें विभिन्न पोषक तत्व व एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं। यह विटामिन सी का महत्वपूर्ण स्रोत है जो शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। लाल पत्ता गोभी में कैलोरी बहुत कम पाई जाती है। जिसके कारण यह दुबले होने में बहुत मदद करती है। इसमें फाइबर की मात्रा भी बहुत अधिक होती है।
लालपत्तागोभी में मौजूद विटामिन सी शरीर से सभी विषैले तत्वों को बाहर निकाल देता है। यह पाचन तंत्र को सुदृढ़ करती है। खाने में अत्यंत स्वादिष्ट होती है। यह कैंसर अल्जाइमर आदि रोगों को भी दूर करती है तथा आंखों की रोशनी को तेज करती है। अतः अपनी आहार तालिका में लालपत्तागोभी को शामिल करना ना भूलें ।
पपीता
पपीता कच्चे और पके हुए फल के रूप में खाया जाता है। जिससे कच्चे फल की सब्जी और रायता बनाया जाता है। यह अत्यंत ही सुपाच्य होता है और लीवर के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है। यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। तथा पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है ।
यह पचने में आसान होता है तथा निरापद होता है । इसे बच्चे, बूढ़े, रोगी, जवान सभी खा सकते हैं। कच्चा और पका पपीता दोनों ही रूप में अत्यंत गुणकारी और विटामिन सी से भरपूर होता है। अतः इसका उपयोग अवश्य करना चाहिए। कच्चा पपीता के हलवा बनता है जो बहुत ही पौष्टिक होता है। तथा तुरंत एनर्जी प्रदान करता है।
विटामिन सी वाली सब्जियों के हिंदी और अंग्रेजी नाम
1 | नींबू | Lemon |
2 | आंवला | Anvla |
3 | हरीमिर्च | Green Chilly |
4 | लालमिर्च | Red Chilly |
5 | पपीता | Papaya |
6 | टमाटर | Tomato |
7 | ब्रोकली | Broccoli |
8 | लालपत्तागोभी | Red Cabbage |
9 | पालक | Spinach |
सारांश
अभी तक आपने जाना कि विटामिन सी हमारे शरीर के लिए कितना आवश्यक होता है। तथा विटामिन सी की कमी के क्या लक्षण होते हैं। विटामिन सी से होने वाले रोगों से बचाव के लिए हमें क्या करना चाहिए। आशा है विटामिन सी वाली सब्जियों के नाम जानकर आपको अवश्य लाभ होगा। इन सब्जियों को हम अपने भोजन में शामिल करें और शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करें।
हमारे आर्टिकल सब्जियों से संबंधित होते हैं। सब्जियों के नाम के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां आपको यहां प्राप्त होती रहेंगी। यदि आपके मन में भी सब्जियों को लेकर कोई प्रश्न या विचार हो, तो हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य प्रेषित करें। हम आपके विचारों को अपने आर्टिकल में अवश्य शामिल करेंगे। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
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बहुत बहुत धन्यवाद!