आम की आमद यानी गर्मियों की शुरुवात, ऐसे में कच्चे आम का अचार भोजन की लज्जत बढ़ा देता है। गर्मियों के कारण सब्जियों में उतना स्वाद भी नहीं रहता है। ऐसे में आम का अचार हर घर मे थाली में सजने लगता है। लगभग सभी लोग आम के अचार को जरूर पसंद करते है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन की थाली छः रसों से युक्त होनी चाहिए। ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)। और सभी रस की शरीर मे आवश्यकता होती है। वहीं खट्टा रस अर्थात अम्ल की बड़ी भूमिका होती है। यह पेट को साफ करता है। विटामिन सी की कमी को भी पूरा करता है।
अब तक यदि आपने अपने भोजन से इस अम्ल (खट्टा) रस को दूर रखा है तो आज से ही इसे अपनी थाली में जरूर सजाएं। यह आपको अनेकों पेट व पाचन सम्बन्धी समस्याओं से मुक्त करेगा। आज आपको कच्चे आम का बेहतरीन स्वादिष्ट अचार बनाना बताएंगे। वैसे ही आम के आते ही आम का अचार भी बनाना शुरू हो जाता है। पूरे साल भर के लिए इसे बना कर रख लिया जाता है। कच्चे आम का ऐसा अचार बनाएंगे तो लोग सब्जी छोड़कर रोटियां और पराठें अचार के साथ ही खाएंगे। तो फिर देर किस बात की है। चलिये शुरू करते हैं अचार की तैयारी।
आम लेते समय यह जरूर ध्यान रखें।
यदि आप पूरे साल भर के लिए कच्चे आम का अचार बनाना चाहती हैं तो आम लेते ही निम्न बातों का ध्यान जरूर रखें।
- कच्चे आम परिपक्व हों अर्थात उनमें अंदर जाली पड़ गई हों।
- आम कड़े व ठोस होने चाहिए।
- सड़े व दागी आम का अचार नहीं बनाना चाहिए। अचार खराब हो जाता है।
- एकदम खट्टे आम की जगह यदि खटमिट्ठा आम लें तो अचार बहुत स्वादिष्ट बनता है।
- आम का अचार बनाने के लिए हमेशा ताजे आम का ही उपयोग करें।
आम का अचार बनाने की संपूर्ण सीक्रेट सामग्री।
- कच्चे आम 2 से ढाई किलो
- हल्दी पाउडर 50 ग्राम
- नमक लगभग 300 ग्राम या आवश्यकतानुसार
- राई 50 ग्राम
- सरसों (पीली ) 50 ग्राम
- जीरा 50 ग्राम
- सौंफ 100 ग्राम
- कलौंजी 60 ग्राम
- हींग आधा टी स्पून
- गुड़ 50 ग्राम
- सरसों तेल डेढ़ लीटर
- लाल मिर्च पाउडर मोटा कुटा हुआ 50 ग्राम या आवश्यकतानुसार।
- कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर 50 ग्राम ।
कुल समय 1 घंटा | तैयारी का समय आधा घंटा |
कितने लोगों के लिए 4 | बनाने में आसान |
आम का अचार बनाने की संपूर्ण विधि।
- अचार बनाने के लिए ताजे कच्चे व परिपक्व आम लें।
- आम को धोकर पानी अच्छी तरह पोंछ कर सुखा लें।
- आम का ऊपर का डंठल वाला हिस्सा काटकर अलग कर लें।
- आम को काटकर बारीक टुकड़े कर लें। गुठली निकाल कर अलग कर दें। परिपक्व आम में से गुठली निकालने के बाद एक पतली सी परत सफेद रंग की पतले पेपर की तरह होती है उसे जरूर निकालकर अलग करें।
- अब यदि आपको साल भर एकदम आम का अचार सुरक्षित रखना है तो आम की कटी हुई कैरियों को 4-5 घंटे के लिए धूप में सुखा लें। ऐसा करने से आम का अतिरिक्त पानी सूख जाएगा जिससे अचार एकदम सुरक्षित हो जाएगा।
- आम को ज्यादा नहीं सुखाना है रसीला छोड़ना है। अन्यथा अचार अच्छा नहीं बनेगा।
- 4-5 घंटे की धूप दिखाने के बाद आम को एक बड़े बर्तन में रखें। इसमें 2 चम्मच हल्दी व 4 चम्मच नमक अच्छी तरह मिलाकर एक कपड़े से बर्तन का मुंह बांधकर घर के अंदर अच्छे सूखे व साफ सुथरे स्थान पर रख दें।
- अच्छे परिणाम के लिए इसे 48 घंटे अर्थात दो दिन के लिए रख दें। 4-5 घंटे के अंतराल में इसे ऊपर नीचे हिलाकर मिलाते रहें।
- अब सभी मसाले राई, सरसों, जीरा, सौंफ को हल्का गर्म कर लें ताकि मसालों की नमी दूर हो जाये। मसालों को ज्यादा भूनना नहीं है।
- इन मसालों को दरदरा पीस लें।
- दो चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर तेल में डालकर मिला लें। इस तरह तेल का रंग लाल हो जाएगा। कश्मीरी मिर्च तीखी नहीं होती है।
- अब सारी तैयारी हो चुकी है। अब कांच की बरनी को अच्छी तरह गर्म पानी से धोकर पोंछ कर धूप में सुखा लें।
- अचार के आम में पहले से ही हल्दी नमक मिला हुआ है। अब इसमें सभी दरदरे पिसे हुए मसालों को अच्छी तरह मिला लें।
- थोड़ा सा गुड़ भी पीस लें।
- सरसों तेल को एक पैन में डालकर गैस पर गर्म कर लें ताकि तेल का शीतांश भी खत्म हो जाये। तेल के थोड़ा ठंडा होने पर उसमें हींग पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें।
- सभी मसाले हल्दी नमक वाले आम में मिलाने के बाद थोड़ा सा तेल डालकर मिक्स कर दें।
- अब एक दिन के लिए बरनी को कपड़े से मुंह बांधकर 3-4 घंटे के लिए धूप में रख दें ताकि सभी मसाले आम में अच्छी तरह मिक्स हो जाएंगे।
- एक दिन बाद गर्म करके ठंडे किये हुए तेल को अचार में डाल दें। अचार में तेल को 2 अंगुल ऊपर तक भरें।
- इस तरह तैयार किया हुआ अचार सालों-साल कभी भी खराब नहीं होगा। मात्र चार दिनों में आपका कच्चे आम का स्वादिष्ट अचार तैयार हो चुका है लेकिन अच्छी तरह पकने में इसे एक महीने लगते हैं।
- तेल की मात्रा अच्छे से रखें। पकने पर यह अचार मुलायम हो जाएगा।
इन बातों का रखें खास ख्याल।
- अचार को अच्छी तरह सुरक्षित रखने के लिए तैयार अचार में एक चम्मच विनेगर डालने से स्वाद भी बहुत अच्छा हो जाता है साथ ही कभी खराब नहीं होता।
- अचार को कभी भी गीले चम्मच से न निकालें।
- डेली उपयोग के लिए अलग से छोटे बर्तन में अचार रखें। बार-बार बड़े बर्तन से अचार न निकालें।
- आम को अच्छी तरह पोंछ कर सुखा लें , अन्यथा गीले आम का अचार बनाने से अचार खराब हो जाता है।
- अचार में गुड़ डालने से यह आम की खटास को काटता है।
- कश्मीरी लाल मिर्च से अचार का कलर बहुत सुंदर एकदम लाल आता है। जो बहुत सुंदर लगता है।
हमारे शब्द
हमारे पूर्वजों ने अचार की इस परंपरा को स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बनाया। भोजन के पाचन में अम्ल रस की प्रधानता बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर से विटामिन सी प्रतिदिन बाहर हो जाता है, इसकी पूर्ति खट्टी सब्जी व फलों से होती है। अचार को नियमित रूप से भोजन में शामिल करने के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है।
अतः अचार का एक टुकड़ा अवश्य अपने भोजन में शामिल करें। फिर वो चाहे आम का अचार हो या आंवला, नींबू या अन्य किसी भी चीज का हो। कच्चे आम का अचार ऊपर बताए गए तरीके से यदि आप बनाते हैं तो यह सब्जी की कमी तो पूरी करेगा ही साथ ही स्वास्थ्य में भी सुधार लाएगा। तो जरूर ट्राई करें।