इस तरह से बनाएं मां के हाथों जैसा आंवले का मुरब्बा। खाने से सेहत भी रहेगी अच्छी और लोग हो जाएंगे खुश।

आंवले का मुरब्बा बहुत स्वादिष्ट व गुणकारी होता है। इसे बनाना भी आसान होता है। सेहत का खजाना आंवला ; एक आंवला प्रतिदिन खाने से व्यक्ति निरोगी व दीर्घायु रहता है। हमेशा जवान बने रहने के लिए एक आंवला रोज खाएं।

यह आपके शरीर से बुढ़ापे के सभी लक्षणों को मिटा देता है। इस तरह से बनाएं मां के हाथों जैसा आंवले का मुरब्बा। खाने से सेहत भी रहेगी अच्छी और लोग हो जाएंगे खुश।
इसके पहले भी हमने आंवले के बारे में चर्चा की थी। जिसमे आंवले का अचार बनाने का तरीका बताया था।

आज हम आपको आंवले का मुरब्बा बनाने का बहुत ही आसान और अनोखा तरीका बता रहे हैं। इसके अलावा भी आम का अचार और आम की कलौंजी बनाने के बारे में पढ़ सकते हैं। आइए आर्टिकल की शुरुआत करते हैं आंवले के चमत्कारिक औषधीय गुणों से –

चमत्कारिक औषधीय गुणों से भरपूर है आंवला।

  • आंवले के गुणों को कौन नही जानता। यह विटामिन सी का बहुत बड़ा स्रोत है।
  • जो व्यक्ति एक आंवला रोज खाता है वह कभी बूढ़ा नहीं होता अर्थात उसके शरीर में बुढ़ापे के लक्षण दिखाई नहीं देते। आंवला चमत्कारिक औषधीय गुणों से भरपूर है।
  • आंवले में मौजूद विटामिन सी पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • संतुलित मात्रा में आंवले का सेवन करने से यह सीने की जलन को कम करने में भी तात्कालिक रूप से सहायक होता है।
  • डायबिटीज के रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद होता है। यह रक्त शर्करा को कम करने में मदद करता है।
  • आंवला लीवर को मजबूत करता है तथा लीवर के रोगों से छुटकारा दिलाता है।

मुरब्बा बनाने के लिए बाजार से आंवला लेते समय इन बातों का रखें खास ध्यान।

  • मुरब्बा के लिए आंवले हमेशा बड़े ही खरीदें।
  • आंवले पके हुए होने चाहिए।
  • ज्यादा हरे आंवले कच्चे होते हैं। अतः कच्चे आंवले न खरीदें।
  • आंवले खरीदते समय उसके रंग पर ध्यान दें। पके हुए आंवले का रंग थोड़ा हल्का पीला सा होता है। एकदम हरा आंवला कच्चा होता है।
  • मुरब्बा बनाने के लिए छोटे आंवले न खरीदें।
  • आंवले में कहीं भी कोई दाग न हो ये जरूर चेक करें। आंवले बेदाग होने चाहिए।
  • कट लगे हुए या खराब से आंवले न खरीदें।
  • हमेशा फ्रेश व ताजे आंवले ही खरीदें।
  • इस तरह सावधानी के साथ मुरब्बा के लिए आंवले की खरीदी करें।

आंवले का मुरब्बा बनाने की संपूर्ण सामग्री।

  • आंवला- 1 किलोग्राम
  • चीनी- 1.5 किलोग्राम
  • इलाइची- 10 से 11 इलायची का पाउडर
  • काला नमक- 1 छोटी चम्मच
  • काली मिर्च पाउडर- 1/2 छोटी चम्मच
  • 1/2 चम्मच भीगा हुआ खाने का चूना
  • आंवला भिगोने के लिए पानी

आंवले का मुरब्बा बनाने की संपूर्ण विधि।

  • आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए आंवलों को अच्छी तरह 2 बार पानी से धो लें। अब एक कंटेनर में पानी लें और खाने का चूना भीगा हुआ 1/2 चम्मच लेकर आवश्यकतानुसार पानी मे अच्छे से घोल लें। इस पानी मे सभी आंवले भिगोकर 2 रात के लिए ढंककर रख दें।
  • इससे आंवले की खटास व टोटरापन निकल जाता है। कुछ लोग इसे फिटकरी के पानी मे भी भिगोते हैं। इसे सादे पानी में भी भिगोकर रख सकते हैं।
  • 2 रात पानी मे भीगे रहने के बाद फोर्क की सहायता से सभी आंवलों को गुठली टच होते तक फोर्क (गोदें) करें।
  • अब आंवलों एक कपड़े पोंछ लें।
  • गैस में कढ़ाई चढ़ा दें। गैस ऑन करें। कढ़ाई में 1.5 किलो (डेढ़ किलो) चीनी लें, कप पानी डालें साथ मे सभी आंवले डालकर धीमी आंच में अच्छे से पका लें।
  • चीनी के घुलते तक लगातार चलाते रहें ताकि चीनी जलने न पाए। लगभग 2 मिनट बाद चीनी अच्छे से घुल जाती है। आंवले को तब तक पकाना है जब तक चीनी की चाशनी गाढ़ी हो जाए। चाशनी शहद की तरह गाढ़ी होनी चाहिए।
  • अब 5 मिनट तक धीमी आंच में ढंककर पकाने से आंवले पक जाते हैं। जिन्हें बीच बीच चलाते रहना चाहिए ताकि सभी आंवले ऊपर नीचे व चारों तरफ से पक जाएं। आंवले पक जाने पर गैस बंद कर दें।
  • आंवलों में एक चम्मच काला नमक मिलाएं। थोड़ा ठंडा होने पर इलायची पाउडर व काली मिर्च पाउडर मिलाकर, एक सूखे कांच की बरनी में रख लें। ये मुरब्बा साल भर तक खराब नहीं होता है।

मुरब्बा बनाते समय इन बातों का रखे विशेष ध्यान।

  • आंवले के मुरब्बे के लिए बड़े आकार और हल्के से पके आंवले लें।
  • पके आंवलों की पहचान है कि ये बिल्कुल हरे नही होते, इनमें हल्का पीला सा रंग होता है। इन आंवलों में कसैलापन कुछ कम होता है।
  • पका आंवला दिसम्बर माह से बाजार में उपलब्ध होने लगता है।
  • यदि आप अलग से चाशनी नहीं बनाना चाहते तो चाशनी बनाने की जगह आंवलों में चीनी मिलाकर रख दीजिए। 4 से 5 घंटे बाद आंवले से जूस बाहर आने से चीनी की चाशनी अपने आप बनने लगती है।
  • अगर चाशनी में पानी ज्यादा डाल लें, तो चाशनी को गाढ़ा करने में अधिक समय लगेगा। इसलिए पानी नापकर व थोड़ा ही डालें।
  • आंवला का मुरब्बा को स्टील के बर्तन में पका सकते हैं लेकिन बहुत देर के लिए छोड़ नही सकते।
  • लोहे और अल्यूमीनियम के बर्तन में भूलकर भी मुरब्बा न बनाएं क्योंकि उसमें मुरब्बा खराब हो जाता है।
  • अगर 3 दिन बाद भी चाशनी पतली हो, शहद की तरह नही चिपक रही हो, तो मुरब्बा को किसी भी बर्तन में डालकर फिर से थोड़ा गाढ़ा होने तक पका लें।
  • अगर चाशनी बहुत ज्यादा गाढ़ी हो, तो मुरब्बा जमा हुआ सा लगता है। इस स्थिति में 1 से 2 टेबल स्पून पानी उबाल करके मुरब्बे में मिला दीजिए।
  • चाशनी ज्यादा पतली या गाढ़ी नही होनी चाहिए। पतली चाशनी होगी, तो मुरब्बा जल्दी खराब हो जाएगा और चाशनी अधिक गाढ़ी होने पर मुरब्बा जमा-जमा सा लगेगा।
  • कन्टेनर से मुरब्बा निकालने के लिए हमेशा साफ और सूखी चम्मच का उपयोग करें।

हमारे शब्द।

देखा आपने आंवला का मुरब्बा बनाना कितना आसान है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। मुरब्बा के रूप में आंवले का नियमित (प्रतिदिन) सेवन करना चाहिए। आंवले का मुरब्बा बनाने की विधि और सामग्री तो आप जान ही चुके हैं। मुरब्बा के लिए आंवला खरीदते समय कौन सी सावधानी रखें और आंवला का मुरब्बा किस तरह वर्ष भर तक सुरक्षित रख सकते हैं ये सारी बातें आज आपने जानी। तो क्यों न इसे अमल में लाएं। और इस सर्दियों वाले मौसम में आंवले का मुरब्बा बनाएं। साथ ही हमे अपने अनुभव भी शेयर करें।


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