बेस्ट इम्युनिटी बूस्टर लाल सब्जियों के नाम कोरोना की कमजोरी को दूर करेंगी ये 6 सब्जियां, जल्दी करें डाइट में शामिल

बेस्ट इम्युनिटी बूस्टर लाल सब्जियों के नाम लाल सब्जियां सेहत का खजाना है। कोरोना वायरस की विभीषिका से हम सभी जूझ रहे हैं। जिन्हें कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था, वह सुरक्षित बचने के बावजूद भी कमजोर और बीमार से हो रहे हैं। ऐसे में हमें शरीर को मजबूती प्रदान करने के लिए उचित खानपान की आवश्यकता है। बहुत से उपाय करने के बावजूद भी केवल दवाइयों के भरोसे हम शरीर की इम्युनिटी को नहीं बढ़ा सकते। ऐसे में लाल रंग की सब्जियां आपको इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करती हैं। और भोजन के साथ-साथ शरीर को उचित पोषण प्रदान करती है।

आज तक आपने हरी सब्जियों के महत्व के बारे में जाना है। किंतु लाल रंग की सब्जियां विशेष गुण वाली होती हैं। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। इनके सेवन से ओस्टियोपोरोसिस, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी लंबी और घातक बीमारियों को नियंत्रित करने में तो मदद मिलती ही है।

साथ ही यह कोरोनावायरस के साइड इफेक्ट को भी दूर करती हैं। सब्जियां हमारे भोजन का मुख्य अंग है। इससे शरीर का पोषण होता है। सब्जियां को नियमित रूप से खाने से हमें अतिरिक्त विटामिन और प्रोटीन की गोलियां खाने की जरूरत नहीं पड़ती है। बहुत से लोग सब्जियों को नापसंद करते हैं। किंतु यह नहीं जानते कि ऐसा करने से वे अपने शरीर को भीतर ही भीतर खोखला बना रहे हैं।

आयुर्वेद के मुताबिक हमारे आहार में कम से कम दिन में 5 बार हमें सब्जी, फल और सलाद, जूस आदि को शामिल करना चाहिए। इससे हमारे पाचन तंत्र पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है । हमारे पाचन की प्रक्रिया दुरुस्त होती है। आहार चर्या में इस प्रकार 5 बार सब्जियों का फलों का विभिन्न रूप से सेवन करने से, हमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी और शारीरिक दिक्कतों का सामना कभी भी नहीं करना पड़ता है।

यह कठिन अवश्य है किंतु यदि इसे हम अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। आज हम आपको लाल सब्जियों के नाम और उनके फायदे बताएंगे जिन्हें जानकर आप अवश्य अपने आहार में शामिल करेंगे। यदि आप इन्हें अपने आहार में शामिल करते हैं तो अवश्य ही आपके लिए यह वरदान साबित होंगी।

लाल शिमला मिर्च

लाल शिमला मिर्च में डेढ़ गुना अधिक बीटा केरोटीन व विटामिन सी पाया जाता है।

लाल रंग की सब्जियों में सबसे पहले हम लाल शिमला मिर्च को रखते हैं। शिमला मिर्च तीन कलर की होती है हरी लाल और पीले रंग की। लाल शिमला मिर्च, हरी और पीली शिमला मिर्च की अपेक्षा बहुत अधिक परिपक्व होती है। इसमें पोषक तत्व भी अन्य मिर्च की तुलना में बहुत अधिक होते हैं।

इसमें बीटा केरोटीन और विटामिन सी की मात्रा अन्य शिमला मिर्च की तुलना में डेढ़ गुना अधिक होती है। लाल शिमला मिर्च कैरोटिनॉयड एवं फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है। इनका स्वाद मीठा होता है। यह सलाद के तौर पर सब्जी बनाकर तथा अन्य व्यंजनों में सजावटी तौर पर परोसी जाती है।

इसमें मौजूद विटामिन सी पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाता है। तथा बीटा कैरोटीन शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। लाल शिमला मिर्च इम्युनिटी बूस्टर है। यह ऑस्टियोपोरोसिस, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होती है। हमेशा श्रेष्ठ और गहरे रंग की शिमला मिर्च का ही सेवन करना चाहिए। बासी और मुरझाई हुई शिमला मिर्च में पोषक तत्व नष्ट हो चुके होते हैं। उनका स्वाद भी उतर जाता है। ऐसे में इनका सेवन करना कोई लाभ प्रदान नहीं करता।

टमाटर

लाल टमाटर में दूध से दो गुना अधिक लौहतत्व होता है।

टमाटर जितना मनभावन और सुंदर दिखता है उतना ही स्वादिष्ट और गुणकारी भी होता है। इसमें विटामिन ए बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है पूर्व य मौसमी फलों की तुलना में टमाटर अधिक पोषण प्रदान करता है। इसमें खट्टापन साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड के कारण होता है। यह सलाद चटनी और सब्जी बनाने में उपयोग किया जाता है।

आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि टमाटर में लौह तत्व दूध से 2 गुना अधिक पाया जाता है। यह भी एक बहुत अच्छी बात है कि टमाटर में सेब और संतरे के जितने पोषक तत्व है सभी पाए जाते हैं। इस तरह टमाटर ऐसी सब्जी है जिससे कि समस्त रोगों की रामबाण दवा के रूप में माना जा सकता है।

अनेक शोधों के अनुसार यह पाया गया है, कि टमाटर कैंसर की कोशिकाओं को भी नष्ट करने में समर्थ होता है । इसमें विटामिन, कैरोटीन और आईकोपिन एंटी एजिंग कंपाउंड्स भी पाए जाते हैं। इसमें टमाटर का लाल रंग लाइकोपीन के कारण होता है, जो विटामिन ए में बदल जाता है। विटामिन ए शरीर की महती आवश्यकता होती है। इस प्रकार टमाटर के गुणों का बखान किया जाना मुश्किल है। यह इम्युनिटी बूस्टर है। अक्सर सब्जियों को तेज आंच में बनाने या तेल में फ्राई करने से उसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

किंतु टमाटर को तेल में फ्राई करने के बावजूद भी उसके विटामिन, प्रोटीन नष्ट नहीं होते । अपितु यह अत्यधिक स्वादिष्ट और गुणकारी हो जाता है। यह वजन को भी कम करता है। हरे रंग के टमाटर की अपेक्षा पके हुए लाल टमाटर बहुत अधिक पोषण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

चुकंदर

चुकुन्दर ठंडी तासीर की सब्जी होती है।

जमीन के अंदर पाई जाने वाली यह सब्जी बहुत ही सुंदर गहरे लाल रंग की होती है। इसका रंग इतना अधिक लाल होता है कि इसे काटने पर हाथों में भी लाल रंग लग जाता है। और यह रक्त को शुद्ध करता है और हिमोग्लोबिन को बढ़ाता है।

विभिन्न शोधों से यह पता चलता है, कि धरती के अंदर पाए जाने वाली कंदमूल और सब्जियों में अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं । चुकंदर में विना विटामिन, मिनरल्स एवं आयरन बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसका अधिकतम उपयोग औषधि की बनाने में किया जाता है।

इसे सब्जी, सलाद व जूस में उपयोग किया जाता है। चुकंदर से डिटॉक्स वाटर भी तैयार किया जाता है जो बहुत ही लाभकारी होता है। चुकंदर में विटामिन बी 1, बी 2, बी 6 और नियासिन जैसे पोषक तत्व पाए हैं इसमें पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम, आयोडीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सल्फर, तांबा, वसा भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।

चुकंदर के रस में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड मांसपेशियों को बहुत तेजी से ठीक करता है । तथा उसकी सूजन भी कम कर देता है। चुकंदर ठंडी तासीर का होता है। अतः इससे गर्मी के दिनों में खाने या जूस पीने से यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह तत्काल इम्युनिटी को बढ़ाता है।

लाल पत्तागोभी

लालपत्तागोभी में हरी से दो गुना अधिक विटामिन सी होता है।

लालपत्तागोभी हरी पत्तागोभी की तुलना में अधिक पोषक तत्वों से युक्त होती है। हरी गोभी से दोगुना विटामिन सी लाल पत्ता गोभी में पाया जाता है। इसमें मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स एवं एंटीऑक्सीडेंट के कारण यह कैंसर से बचाव करती है। लालपत्तागोभी के माइक्रोग्रीन्स भी बनाए जाते हैं।

यह वजन कम करने मैं बहुत सहायक होती है इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। वजन कम करने के लिए इसे सलाद के रूप में या उबालकर खाया जाता है। लाल पत्ता गोभी मैं मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

इसमें मौजूद तत्व एंथोसायनिन पॉलीफेनोल्स के कारण ही इस रंग लाल होता है। लाल पत्ता गोभी अनेक पोषक तत्वों जैसे विटामिन के, विटामिन बी6, थायमिन, राइबोफ्लेविन, रेटिनॉल और फोलेट से युक्त होती है। इसके सेवन से बुढ़ापा दूर रहता है। स्किन चमकदार और झुर्रियों रहित हो जाती है।

यह आपको जवान बनाए रखने में आपकी मदद करती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। गठिया रोग में बहुत ही फायदेमंद होती है। या शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करती है तथा सूजन को कम करती है। यह इम्युनिटी बढ़ाती है।

लाल प्याज

लाल प्याज आंखों की रोशनी बढ़ाती है।

प्याज तो रसोई की रानी है । यह कहना भी गलत नहीं होगा कि बिना प्याज के सलाद के कोई डिनर, कोई पार्टी का आयोजन भी नहीं देखा होगा। प्याज तीन रंगों में होती है सफेद, लाल और हरे रंग की। प्याज का सब्जियों में विशेष स्थान है।

आज हम यहां पर लाल रंग की प्याज के गुणों के बारे में चर्चा करेंगे। लाल रंग की प्याज सफेद रंग की प्याज की अपेक्षा अधिक पोषक तत्वों से युक्त होती है। इसमें आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है। सब्जी, सलाद और सूप के अलावा भी प्याज का सौंदर्य बढ़ाने में विशेष योगदान है।

आपने यह भी सुना होगा कि प्याज का रस बालों में लगाने से बालों का झड़ना बंद होता है। और नए बाल उगने लगते हैं। यह आंखों की रोशनी को भी दुरुस्त कर देती है। प्याज को न केवल खाने बल्कि काटने भर से फायदा हो जाता है इसमें मौजूद तीखापन काटते समय हमारी आंखों में जाता है जो हमारी आंखों को आंसू के रूप में धो देता है।

इस तरह हमारी आंखें बिना कोई दवाई डाले ही स्वस्थ हो जाती है। लाल प्याज में सफेद प्याज की अपेक्षा कैलोरी भी कम होती है। यदि आप अपना वजन कम रखना चाहते हैं तो अपने भोजन में लाल प्याज को अवश्य शामिल करें। यह श्वसन संबंधी रोगों से निजात दिलाती है ।

लाल प्याज इम्युनिटी बूस्टर है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। हृदय को मजबूत करती है और हड्डियों को मजबूत बनाती है। प्याज अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें मैग्नीशियम सोडियम पोटेशियम सेलेनियम और फास्फोरस जैसे खनिज पाए जाते हैं। यह विटामिन बी 6, विटामिन सी और फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत है। यह पाचन तंत्र को सही रखता है।

लालभाजी (चौलाई)|

लालभाजी (चौलाई) पोषकतत्वों से भरपूर होती है।

इसे चौलाई भाजी भी कहते हैं। यह हरे रंग और लाल रंग में होती है। हरे रंग की तुलना में लाल रंग की चौलाई भाजी अधिक फायदेमंद होती है। इसमें हरे रंग की भाजी की तुलना में 2 गुना अधिक विटामिन प्रोटीन और खनिज पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह आंखों के लिए अत्यंत लाभदायक होती है।

इसमें मौजूद फाइबर शरीर को डिटॉक्स करते हैं और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकाल देते हैं। यह गठिया रोग में बहुत ही फायदेमंद होती है। लाल भाजी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनरल्स और आयरन बहुत अच्छा होता है।

यह पुरानी कब्ज को भी दूर करने में समर्थ होती है । इसका सूप, सब्जी बनाकर उपयोग किया जाता है। इसका रंग इतना अधिक लाल होता है कि इसे धोते समय पानी तक लाल हो जाता है। यह गठिया, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों में बहुत लाभकारी होती है।

अधिकांश लोग लाल भाजी को बहुत पसंद करते हैं। इसे अपने आहार में शामिल करने से आप बहुत से रोगों से दूर हो जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है। कोरोना के काल में डॉक्टर भी, विटामिन सी और इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों को खाने पर जोर देते हैं।

अभी कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों की इम्युनिटी भी कम हो चुकी है। ऐसी स्थिति में यह समस्त लाल रंग की सब्जियां बहुत इम्युनिटी बूस्टर होती है। इनके सेवन से हम अपनी खोई हुई इम्युनिटी को पुनः वापस पा सकते हैं और शरीर में नई चुस्ती फुर्ती ला सकते हैं।

निष्कर्ष|

आज हमने लाल रंग के सब्जियों के बारे में अध्ययन किया । यह समस्त सब्जियां रोजमर्रा के जीवन में हमारे सामने से गुजरती तो अवश्य हैं। किंतु हम इसका महत्व नहीं समझ पाते। लाल रंग नई ऊर्जा और ताकत को भरता है। अतः अपने भोजन में अधिक से अधिक लाल रंग की सब्जियां को शामिल करें।

सभी लाल रंग की सब्जियां अन्य हरे रंग की सब्जियों की तुलना में अधिक पोषण प्रदान करती हैं। इनके उपयोग से आपका शरीर अत्यधिक विटामिन, प्रोटीन, खनिज और पोषक तत्वों को ग्रहण कर पाता है। हरी सब्जी के बारे में तो हम सभी जानते ही हैं। किंतु लाल सब्जियों का हरी सब्जियों की तुलना में कहीं अधिक महत्व है। यह बात जानकर अब आप अपने भोजन में लाल रंग की सब्जियों को अवश्य शामिल करेंगे। आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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