रंगीन सब्जियां पोषक तत्वों का भंडार होती है। जिसमें पीले रंग की सब्जियां हरी सब्जियों से अधिक पोषक होती हैं। इनमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण ही इनका रंग पीला हो जाता है। सब्जियों का रंग उनमें उपस्थित विभिन्न तत्वों की अधिकता या न्यूनता को दर्शाता है। ये शरीर को स्वस्थ, सुंदर व छरहरा बनाती हैं। दिमाग को तेज कर याददाश्त को बढ़ाती हैं। संक्रामक रोगों से हमारी रक्षा करती है।
सब्जियां हमारे भोजन का मुख्य अंग है। यह समस्त विटामिन, प्रोटीन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का भंडार होती है। इनके सेवन से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर भीतर से मजबूत होता है। विभिन्न रोगों के संक्रमण से लड़ने की शक्ति आती है। शरीर में विटामिन और प्रोटीन की कमी को पूरी करती है। पीले रंग की सब्जियों के माध्यम से हम हम स्वयं को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
यदि सब्जी का नियमित सेवन हमारी डाइट में शामिल है तो हम बहुत से संक्रामक रोगों से बच सकते हैं। पीले रंग की सब्जियों के सेवन से पाचन तंत्र सही रहता है। पाचन तंत्र की गड़बड़ी ही सब रोगों की मुख्य जड़ होती है। यदि पाचन सही हो रहा है, या मेटाबॉलिज्म सही है तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ये हमारे मेटाबॉलिज्म को सही रखने का काम करती हैं। एक तरह से यह हमारे शरीर की रक्षक होती हैं । यह इम्युनिटी बूस्टर होती हैं। इसीलिए स्वयं को सुरक्षित करने के लिए इन सब्जियों को जरूर अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
5 पीले रंग की सब्जियों के नाम और उनके फायदे
यदि आप डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों से परेशान रहते हैं, तो आज यह आर्टिकल आपको बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। आज हम आपको 5 पीले रंग की सब्जियों के नाम बताने वाले हैं। जिन के फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यदि आप किसी भी प्रकार के संक्रमण से पीड़ित हैं, तो आज ही से अपनी डाइट में इन सभी को शामिल करें, अवश्य लाभ होगा। आइए जानते हैं उनके नाम व फायदे
1- हल्दी
पीले रंग की सब्जियों में पहला स्थान हल्दी का है। हल्दी का हमारे भोजन में विशिष्ट स्थान होता है। लगभग प्रत्येक घरों में, प्रत्येक धर्मों में हल्दी का प्रयोग भोजन में किया जाता है। यह एक मसाला होता है। यह एक तना (stem) वाली सब्जी है। जिसे हम मसाले के रूप में प्रयोग करते हैं। इसमें बहुत से औषधीय गुण होते हैं । यह एंटीसेप्टिक गुण से युक्त होती है। इसके सेवन से डायबिटीज कंट्रोल करने में और हृदय की बीमारियों में लाभ होता है ।
हल्दी में पीला रंग करक्यूमिन (Curcuminoids) नामक तत्व के कारण होता है। और यही तत्व इसकी विशेषता बन जाता है। जो औषधि के रूप में काम आता है । यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है । शरीर से सभी टॉक्सिंस (जहरीले तत्वों) को बाहर निकालती है। हल्दी का हमारे जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक के 16 संस्कारों में विशेष स्थान होता है।
यह औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है। साथ ही सौंदर्य बढ़ाने में भी हल्दी का विशेष स्थान होता है। यह खून को साफ करती है और रंगत को निखारती है। यदि आप अपने रंग को निखारना चाहते हैं, तो भी हल्दी का सेवन अवश्य करें। हल्दी को अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। इसीलिए इसे मसाले के रूप में ही थोड़ा उपयोग किया जाता है। अन्यथा यह हृदय में सिकुड़न पैदा करती है। जिससे अन्य परेशानियां उत्पन्न हो सकती है।
हल्दी अत्यंत गुणकारी और औषधीय सब्जी है। इसे मसाले के रूप में अवश्य उपयोग करना चाहिए। हल्दी वाला दूध भी बहुत अधिक फायदेमंद होता है। हल्दी के विभिन्न रोगों में अनेक प्रयोग किए जाते हैं, जो इसके गुणों को स्पष्ट करते हैं। यह अत्यंत गुणकारी होती है।
2- पीली शिमला मिर्च
पीली शिमलामिर्च, हरी शिमलामिर्च की अपेक्षा अधिक परिपक्व होती है। यह शिमला मिर्च की दूसरी अवस्था होती है। हरी शिमलामिर्च के परिपक्व होने पर उसका रंग पीला होने लगता है। यह अत्यंत चमकदार और नरम सब्जी होती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। पीली शिमलामिर्च में विटामिन ए, सी, व बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं। पीले रंग की सब्जियां अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक फायदेमंद होती हैं।
हार्ट के लिए तो पीली शिमलामिर्च किसी वरदान से कम नहीं है। हार्ट की किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर आप तत्काल अपने आहार में पीली शिमलामिर्च को अवश्य स्थान दें। इससे बहुत लाभ होता है। पीली शिमला मिर्च होमोसिस्टीन के लेवल को नियंत्रित रखता है।
होमोसिस्टीन क्या है?
होमोसिस्टीन एक असामान्य प्रकार का प्रोटीन है जो शरीर में मिथाइओनाइन नामक एमिनो एसिड के उतपन्न होने से बनता है। यह हृदय रोगों का दुश्मन है। इसका सामान्य से अधिक स्तर खतरे की घंटी कहलाता है। इसे बहुत कम मात्रा में शरीर में होना चाहिए। पीली शिमला मिर्च इसी होमोसिस्टीन के लेबल को नियंत्रित करने का काम करती है। जिससे हृदय रोगों में बचाव होता है।
अतः पीली शिमला मिर्च को केवल स्वाद और सुंदरता की दृष्टि से ना देखते हुए, उसे हेल्थ की दृष्टि से अपने आहार में अवश्य शामिल करें। यदि नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में भी शिमला मिर्च का उपयोग किया जाता है, तो ह्रदय रोग और डायबिटीज में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। अतः आज ही से अपनी डाइट मे पीली शिमला मिर्च को शामिल करें।
नींबू
अद्भुत गुणों का भंडार है नींबू। यह विटामिन सी का एक विकल्प है। और विटामिन से हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है। यह एक घुलनशील विटामिन होता है जो कि शरीर में प्रतिदिन आवश्यक होता है। यह शरीर से प्रतिदिन बाहर भी हो जाता है। नींबू में उपस्थित विटामिन सी शरीर के मेटाबॉलिज्म को सही करता है। पाचन तंत्र को सुधारता है। नींबू ह्रदय रोग और डायबिटीज में अत्यंत लाभकारी होता है ।
डायबिटीज के मरीजों को तो नित्य अपने आहार में नींबू का सेवन अवश्य करना ही चाहिए। यह इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार लाता है। भोजन को पचाने में भी मदद करता है। पेट संबंधी समस्त तकलीफों का निदान नींबू से होता है। नींबू के अनेक प्रयोग किए जाते हैं। भोजन के बाद एक आधा कप पानी में आधा नींबू निचोड़ कर पी लेने से यह शरीर की चर्बी को भी नष्ट कर देता है। नींबू वजन को कम करने में सहायक होता है । साथ ही यह शरीर को डिटॉक्स भी करता है।
शरीर से सारे विषैले तत्वों को निकालने में नींबू माहिर होता है। नींबू के प्रयोग से सभी वाकिफ होंगे। गर्मियों में तो जीवन प्राण के समान नीबू सहायता करता है। एक गिलास नींबू पानी बहुत एनर्जी प्रदान करता है। अतः नियमित रूप से एक गिलास नींबू पानी अवश्य पीना चाहिए। यह शरीर में विटामिन सी की पूर्ति करता है। नींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो चेहरे की सुंदरता को बढ़ाते हैं। और बालों की ग्रोथ में भी सहायक होते हैं। इसमें साइट्रिक एसिड भी होता है। यह आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में अनेक घटकों में उपयोग किया जाता है। नींबू को पीली सब्जियों के रुप में उत्तम माना गया है।
मक्का
मक्का विटामिन बी का बहुत अच्छा स्रोत होता है। यह आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है। मक्का का नियमित सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने मदद मिलती है। इसमें फाइबर भी बहुत अधिक मात्रा में होता है। जिससे यह वजन कम करता है। मक्का पेट को साफ करता है और पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाता है।
मक्का में फोलिक एसिड और विटामिन B5 पाया जाता है यह मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है। अतः यदि याददाश्त की प्रॉब्लम हो या मस्तिष्क संबंधी किसी भी प्रकार की तकलीफ हो तो अपने भोजन में मक्का को अवश्य स्थान दें।
मक्का खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। इसे आग में भूनकर, नमक नींबू लगा कर खाने से यह पाचन में मदद करता है। इसके अलावा स्वीट कॉर्न को उबालकर भी खाया जाता है। मक्का के दानों को धूप में अच्छी तरह सुखा कर इसका पाउडर बनाया जाता है । जिसे मक्का का आटा कहते हैं। और इसके बड़ी ही स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं। मक्का स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए मक्का का सेवन लाभदायक होता है। मक्का पीली सब्जियों के रूप में सब्जी आदि का स्वाद बढ़ाता है।
कद्दू
कद्दू नाम से जरूर कद्दू लगता है लेकिन इसके गुण अमेजिंग है। पीली सब्जियों में कद्दू बीटा कैरोटीन का अच्छा स्रोत है। इस में उपस्थित बीटा कैरोटीन विटामिन ए में परिवर्तित होता है। जो हमारे शरीर में विटामिन ए की पूर्ति करता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट होता है जिससे फ्री रेडिकल्स से निबटने में हमारी मदद करता है। यह एंटी एजिंग गुणों से युक्त होता है। कद्दू का सेवन डायबिटीज में भी किया जाता है। यह हृदय को स्वस्थ रखता है तथा डायबिटीज में लाभदायक होता है।
कद्दू की तासीर ठंडी होती है। अर्थात गर्मियों में या कभी भी पैरों के तलवों में जलन होने या गर्मी होने पर, कद्दू के डंठल वाले हिस्से को काटकर तलवे में रगड़ने से, यह शरीर की सारी गर्मी को सोख लेता है और राहत पहुंचाता है। कद्दू के बीज भी बहुत गुणकारी होते हैं। इनका सेवन गर्मियों में शरबत बनाने में किया जाता है। जो बहुत ही ठंडक और तरावट पहुंचाते हैं। कद्दू की सब्जी, बड़ी, हलवा इत्यादि अनेक व्यंजन भी बनाए जाते हैं। कद्दू सौंदर्य को निखारने में बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। कद्दू के फूल, बीज, पत्ते और माइक्रोग्रीन्स सभी बहुत फायदेमंद होते हैं।
निष्कर्ष
5 पीले रंग की सब्जियों के नाम में आपने हल्दी, पीली शिमला मिर्च, पीला कद्दू, मक्का एवं नीबू के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। आशा है आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। पीले रंग की सब्जियां संख्या में जरूर सीमित है, किंतु यह गुणों की भंडार है। यदि आप हार्ट के पेशेंट है या डायबिटीज से पीड़ित है, तो आज ही अपने भोजन के लिस्ट में इन पांचों अद्भुत सब्जियों को अवश्य शामिल करें।
इन पीली सब्जियों में उपस्थित बीटा कैरोटीन हमें जवान बनाए रखता है। तथा इसकी मदद से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इनके मदद से ही संक्रामक रोगों से बचाव करने की ताकत मिलती है। यदि आप हार्ट और डायबिटीज से परेशान हैं, तो ये 5 पीले रंग की सब्जियां देंगी राहत, आज ही करें डाइट में शामिल, वरना पड़ेगा पछताना !